1. स्वामी विवेकानंद जीवन परिचय:
- जन्म: 12 जनवरी, 1863 (मकर संक्रांति, संवत् 1920), कलकत्ता
- बचपन का नाम: वीरेश्वर (औपचारिक- नरेन्द्रनाथ दत्त)
- पिता: विश्वनाथ दत्त (कलकत्ता हाईकोर्ट के प्रसिद्ध वकील)
- माता: भुवनेश्वरी देवी (धार्मिक विचारों वाली)
- गुरु: श्री रामकृष्ण परमहंस
2. स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीयता और आयु:
- राष्ट्रीयता: भारतीय
- आयु: 39 वर्ष (1863-1902)
3. स्वामी विवेकानंद शिक्षा और स्कूली जीवन:
- स्कूली शिक्षा: विद्यासागर कॉलेज, मेट्रोपॉलिटन इंस्टीट्यूशन, प्रेसिडेंसी कॉलेज (कलकत्ता) में पश्चिमी दर्शनशास्त्र, इतिहास, साहित्य का अध्ययन।
- रुचि: अध्यात्म, दर्शनशास्त्र, समाज सुधार
4. स्वामी विवेकानंद संबंध और व्यक्तिगत जीवन:
- विवाह: अविवाहित रहे
- गुरु भक्ति: रामकृष्ण परमहंस को अपना सर्वोच्च गुरु माना और उनके उपदेशों का प्रचार किया।
- शिष्य: स्वामी विवेकानंद ने मठ की स्थापना कर कई शिष्यों को तैयार किया, जो उनके मिशन को आगे बढ़ाते रहे।
5. स्वामी विवेकानंद कैरियर की शुरुआत:
- रामकृष्ण परमहंस से गुरु दीक्षा के बाद आध्यात्मिक यात्रा आरंभ की।
- संपूर्ण भारत की यात्रा कर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का गहन अध्ययन किया।
- 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म परिषद में भारत के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया।
- अपने ज्ञान, ओजपूर्ण वाणी और वैदिक दर्शन के व्याख्यान से विश्व भर में सनातन धर्म का गौरव बढ़ाया।
6. स्वामी विवेकानंद कैरियर और योगदान:
- रामकृष्ण मिशन की स्थापना: 1897 में भारत और विदेश में मठों की स्थापना कर शिक्षा, समाज सेवा और आध्यात्मिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
- वेदांत दर्शन का प्रचार: भारत के वैदिक दर्शन को विश्व स्तर पर सरल और गहन रूप से समझाया।
- युवाओं का उत्थान: युवाओं में आत्मबल और राष्ट्रभक्ति जगाने का प्रयास किया।
- नारी कल्याण: महिलाओं के शिक्षा और सशक्तीकरण पर जोर दिया।
7. स्वामी विवेकानंद उपलब्धियां और पुरस्कार:
- विश्व धर्म परिषद में सनातन धर्म का सर्वोच्च प्रतिनिधित्व किया।
- पश्चिमी जगत में वैदिक दर्शन को सम्मानजनक स्थान दिलाया।
- रामकृष्ण मिशन की स्थापना से भारत और विश्व में मानव सेवा की अमूल्य धरोहर छोड़ी।
- उनके विचारों से आज भी कई क्षेत्रों में प्रेरणा मिलती है।
8. स्वामी विवेकानंद निष्कर्ष और विरासत:
स्वामी विवेकानंद भारत के महानतम संतों और विचारकों में से एक थे। उन्होंने वैदिक धर्म और भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर